Laddu,
Tere liye meri new poem:-
काश! माफी मांग सकें,
पर अल्फाज नहीं,
गुस्सा हुए भी,
पर वो हम भूल गए।
काश! आपको,
दिखा सकें।
काश!
माफी मांग सकें।
रूठना-मनाना,
चलता है।
रिश्तों में,
कोई बात नहीं।
पर वक्त कम है,
काश! आपसे कह सकें।
काश!
माफी मांग सकें।
वादा हमें,
खुदा से प्यारा।
खुद से ज्यादा है,
आप पर भरोसा।
काश! आपको जता सकें
काश!
माफी मांग सकें।
रूलाना था जितना,
रुला चुके,
रंज भर गुस्सा,
जो मन में था।
अब हम भुला चुके।
काश!
आपको समझा सकें।
काश!
माफी मांग सकें।।
love you meri jaan
bhot bhot jyada😘
Tere liye meri new poem:-
काश! माफी मांग सकें,
पर अल्फाज नहीं,
गुस्सा हुए भी,
पर वो हम भूल गए।
काश! आपको,
दिखा सकें।
काश!
माफी मांग सकें।
रूठना-मनाना,
चलता है।
रिश्तों में,
कोई बात नहीं।
पर वक्त कम है,
काश! आपसे कह सकें।
काश!
माफी मांग सकें।
वादा हमें,
खुदा से प्यारा।
खुद से ज्यादा है,
आप पर भरोसा।
काश! आपको जता सकें
काश!
माफी मांग सकें।
रूलाना था जितना,
रुला चुके,
रंज भर गुस्सा,
जो मन में था।
अब हम भुला चुके।
काश!
आपको समझा सकें।
काश!
माफी मांग सकें।।
love you meri jaan
bhot bhot jyada😘
No comments:
Post a Comment